गुमला: डीआईजी अनूप बिरथरे के समक्ष माओवादी के सब जोनल कमांडर खुदी मुंडा ने सार्वजनिक रूप से गुमला में किया आत्मसमर्पण

गुमला जिला अंतर्गत भरनो के बटकुरी गांव के रहने वाले माओवादी के सब जोनल कमांडर खुदी मुंडा ने पुलिस के समक्ष नई दिशा नई पहल के तहत आत्मसमर्पण किया है जिसको लेकर पुलिस केंद्र चंदाली में मंगलवार को गुमला पहुंचे डीआईजी अनूप बिरथरे के समक्ष सार्वजनिक रूप से हथियार के साथ आत्मसमर्पण किया है।

इस मौके पर पुलिस ने बताया कि  लाजिम अंसारी बुद्धेश्वर उरांव व राजेश उरांव के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद खुद ही मुंडा ने आत्मसमर्पण किया है, शेष बचे हुए नक्सली भी जंगल में भटकने से अच्छा सरकार की इस नीति का लाभ उठाएं।  पुलिस अधीक्षक गुमला के डॉक्टर एहतेशाम वकारीब ने बताया कि लगातार 'नई दिशा  एक पहल' के तहत मुख्यधारा से जुड़ने के लिये बचे हुए नक्सलियों को अपील की जा रही थी जिस निमित खुदी  मुंडा ने आत्मसमर्पण किया है। माओवादी के सब जोनल कमांडर खुदी मुंडा के खिलाफ में झारखंड पुलिस ने ₹500000 के इनाम घोषित किए थे।
गुमला, लातेहार,बूढ़ा पहाड़, सिमडेगा आदि क्षेत्रों में सक्रिय था। 


खुदी के खिलाफ जिला के चैनपुर, पालकोट, रायडीह,भरनो सहित कई थाने में हत्या लूट फिरौती के मामले दर्ज है जिनमें मंगल नगेसिया के 4 समर्थकों की हत्या,कुरुम गढ़ के नवनिर्मित थाने को उड़ाने,गुरदरी माइंस में वाहनों के आगजनी सहित लगभग 44 मामले दर्ज हैं।

वही बताया जाता है कि 1996 में अपने चचेरे भाई बॉबी मुंडा के संपर्क में आने पर समान पहुंचाना और पुलिस की गतिविधियों का सूचना देने के साथ उसकी यह यात्रा शुरू हुई थी 2001 में वह जेल गया था जिसके बाद 2005 में बाहर आने पर मनोज नगेसिया व सिल्वेस्टर लकड़ा ने उसे पालकोट सिमडेगा क्षेत्र का सब जोनल कमांडर बनाया था।


 आज पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने के बाद खुदी मुंडा ने कहा की वह ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं था जिस वजह से दूसरों के कहने पर वह नक्सली बन जंगलों में भटका करता था। अब वह बाकी का समय अपने परिवार के साथ सुख चैन की जिंदगी गुजारना चाहता है। मौके पर DDC हेमंत सती,SDPO,सार्जेंट मेजर,थाना प्रभारी सहित पुलिस के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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