जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में टिकट को लेकर गहमा-गहमी और गुटबाजी चरम पर है। इस बार कई नेता टिकट के दावेदार हैं, जिनमें पूर्व विधायक रही मेनका सरदार, उपेंद्रनाथ सरदार, कुसुम पूर्ति, जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू, जिला परिषद सदस्य पार्वती मुंडा, पार्टी नेता मनोज सरदार, गणेश सरदार समेत कई अन्य नाम शामिल हैं। भाजपा के भीतर गुटबाजी की स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि यह आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।
मंगलवार को पोटका विधानसभा में भाजपा की परिवर्तन रैली आयोजित की गई थी, लेकिन पार्टी की तरफ से किसी उम्मीदवार का नाम तय न होने के कारण रैली में अपेक्षा अनुसार भीड़ नहीं जुट पाई। पार्टी के भीतर के नेताओं में इस बात की नाराजगी थी कि अगर उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया गया, तो वे रैली में भीड़ क्यों लेकर आएं। इस कारण परिवर्तन रैली में नेताओं के बीच स्पष्ट दूरी और तनाव देखने को मिला। सभी नेता एक-दूसरे से कटे-कटे नजर आए और अब भाजपा के भीतर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो चुका है। पार्टी के भीतर बिखराव की स्थिति स्पष्ट दिख रही है।
*चंपई सोरेन के भाजपा में जाने से गुटबाजी और बढ़ी*
हाल ही में चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने से पोटका में राजनीतिक समीकरण और भी पेचीदा हो गए हैं। चंपई सोरेन के साथ उनके करीबी नेता पोल्टू मंडल, लव सरदार, शंकर मुंडा और निरूप मुंडा जैसे नेताओ ने भी झामुमो से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया है। हालांकि, जानकार बताते हैं कि ये नेता झामुमो के लिए व्यक्तिगत रूप से कभी सक्रिय नहीं थे, बल्कि चंपई सोरेन के निजी समर्थक थे। इन नेताओं के भाजपा में शामिल होने से पार्टी में और भी गुटबाजी बढ़ गई है, क्योंकि अब ये सभी नेता भी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं।
भाजपा में पहले से मौजूद गुटों के बीच इन नए नेताओं के जुड़ने से टिकट की लड़ाई और भी गंभीर हो गई है। चंपई सोरेन का समर्थन मिलने के बाद ये नए नेता भी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं, जिससे पार्टी के भीतर स्थिति और कमजोर हो रही है। गुटबाजी की यह बढ़ती समस्या भाजपा के चुनावी संभावनाओं पर भारी पड़ सकती है।
*झामुमो के संजीव सरदार की दावेदारी मजबूत, विकास कार्य बना आधार*
दूसरी ओर, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के सिटिंग विधायक संजीव सरदार अपने विकास कार्यों के आधार पर जनता के बीच मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं। संजीव सरदार बहुत ही सरल स्वभाव के नेता माने जाते हैं और जनता के बीच उनकी पहचान एक मिलनसार और मददगार व्यक्ति के रूप में है वह क्षेत्र में सातों दिन जनता दरबार लगाते हैं जो विधानसभा के अलग-अलग इलाकों में होता है। संजीव सरदार ने अपने कार्यकाल में पोटका में डिग्री कॉलेज बनवाने का काम किया जो आज़ादी के बाद से आज तक नही बन पाया था और क्षेत्र की सबसे बड़ी मांगो में से एक था इसके साथ ही स्टेडियम, छोटे प्रखंड स्तरीय अस्पतालों, पुलों और सड़कों के निर्माण जैसे कई विकास कार्य किए हैं, जो उनके लिए आगामी चुनाव में जीत का आधार बन सकते हैं। क्षेत्र में झामुमो के विकास कार्यों से जनता का झुकाव संजीव सरदार की ओर बना हुआ है।