बहरागोड़ा : रूक रुक कर हो रही बारिश धान की खेती करने वाले किसानों के लिए हो रही बरदान साबित

बहरागोड़ा प्रखंड क्षेत्र को धान का कटोरा कहा जाता है। झारखंड राज्य में सबसे अधिक बहरागोड़ा में धान की खेती होती है। इस वर्ष बारिश कम होने के कारण लगभग 40 दीन कि देरी से धान की रोपनी हुई थी जिससे किसानों ने लगभग 73% धान की रोपनी की। क्षेत्र किसानों से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष खेती देरी से होने के बाबजूद अच्छी खेती हुई है।  इस बार बारिश भी देरी से हो रही और धान की के फसल के लिए अबतक अच्छी साबित हो रही है। पहले नोवेम्बर से लेकर दिसम्बर तक धान की कटाई हो जाती थी परंतु इस बार धान की कटाई में भी देरी होगी जिसमें जनवरी के अंत तक धान की कटाई करने की आसा करते हैं। धान की खेत में भी बारिश के कारण कीटनाशक की छिड़काव नहीं कर पा रहे हैं। धान में रोग लग रहा है। धान के बाली भी लाल हो जा रहे हैं तथा जड़ सड़ने की बीमारी लग रही है। कीटनाशक दवाओं की दर भी काफी ज्यादा है जिससे किसानों को हजारों रुपए खर्च करने पड़ रहा है। धान के पकने के समय अगर बारिश हो जाएगी तो किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। विदित हो कि प्रखंड क्षेत्र में अधिकतर किसान बैंक से ऋण लेकर खेती करने में विवस हैं अगर इस वर्ष भी अंतिम समय पर बारिश हो जाएगा तो किसानों की कमर पूरी तरह से टूट जाएगी।

इस संबंध में प्रखंड कृषि पदाधिकारी समीरण मजूमदार ने कहा कि इस वर्ष 18,630 हेक्टेयर में धान की खेती के लिए लक्ष्य रखा गया था। खेती के सही समय पर बारिश कम होने के कारण देरी से खेती कार्य सुरु हुई है। जिससे किसानों को खेती में देरी हो गई है। इस वर्ष 73% धान की खेती हुई है। लगातार रुक रुक कर हो रही बारिश भी किसानों के लिए बरदान साबित हो रही है। आसा करते हैं कि धान कटनी के समय बारिश नहीं होगी। अगर बारिश होती है तो किसानों के ऊपर प्राकृतिक मार हो जाएगी।

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