पोटका: आ भू स के द्वारा तीन सूत्री मांगों को लेकर हाता में धरना

पोटका: आदिवासी भूमिज समाज के द्वारा तीन सूत्री मांगों को लेकर पोटका प्रखंड के बिरसा चौक हाता में सोमवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। इस धरना प्रदर्शन में विभिन्न प्रखंडों सहित ओड़िसा राज्य से भी सैकड़ो की संख्या में महिला एवं पुरुष शामिल थे। पूर्वाह्न 11 बजे से चार बजे तक धरना कार्यक्रम चला। मौके पर आदिवासी भूमिज समाज के मुख्य सलाहकार सिधेश्वर सरदार ने कहा कि भूमिज भाषा को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं संसोधन नियमावली 2023 में सम्मिलित करना होगा।

वर्ष 2016 में 22 भाषा को मान्यता मिला था जिसमे भूमिज भाषा भी शामिल था। 2023 में भूमिज भाषा को अलग कर दिया गया। उन्होंने कहा कि भूमिज के अलावे मलतो, बिरहोर, असुर भाषा को भी प्रतियोगी परीक्षाओं से हटा दिया गया है। पूँजीपत्तियो कि द्वारा आदिवासी के संख्या को घटने के यह एक साजिश है। भूमि आंदोलन के कुमार चंद्र मार्डी ने कहा कि मणिपुर में आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर सरेआम सड़को पर घुमाए जाने की घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम है। डबल इंजन की सरकार को इस्तीफा देना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन जयपाल सरदार ने किया। हिमांशु सरदार, शत्रुघन सरदार, माणिक सरदार, सुदर्शन भूमिज, बूढ़ेश्वर सरदार, सुनाराम सरदार, हरीश सरदार, जयंती सरदार, बबिता सरदार, रेवती सरदार, जनसरी सरदार आदि मुख्य रूप से धरना में शामिल थे।

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