पोटका : आदिवासी भूमिज समाज एवं आयोन अखाड़ा तिरिलडीह के संयुक्त तत्वाधान में फुटबॉल मैदान सोहदा में आदिवासी भूमिज भाषा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर एक ओर रैली निकाला गया वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ संबोधन कार्यक्रम भी हुआ। भूमिज भाषा के प्रतिनिधियों ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। मौके पर पर्यावरण चेतना केंद्र के निदेशक सिधेश्वर सरदार ने कहा कि वर्ष 2010से ही आंदोलन करने के उपरांत 5 अक्टूबर 2018 को राज्य सरकार के द्वारा भूमिज भाषा को दूसरा राज्य भाषा का दर्जा मिला। 2013 में टेट परीक्षा में शामिल होने का अवसर भी मिला। इस आधार पर शिक्षक की बहाली भी किया गया। वर्ष 2023 में भूमिज भाषा सहित आठ भाषा को राज्य सरकार द्वारा विलोपित भी कर दिया गया। श्री सरदार ने मांग किया है कि विलोपित भूमिज भाषा को पुनः बहाल किया जाए। ताकि भूमिज सम्मान व स्वाभिमान के साथ आजीविका के लिए जी सके। इसके पूर्व सोहदा गांव से फुटबॉल मैदान तक एक रैली भी निकल गया जिसमें ओएन आखड़ा के छात्र शामिल थे।
इस अवसर पर विभीषण सामद, शत्रुघन सरदार, जयपाल सरदार, हरिराम सरदार, आरती सरदार, लखिन्द्र सरदार, गौड़ी सरदार, जयंती सरदार, अनिता कुमारी, सींगों सरदार, विष्णु सरदार आदि उपस्थित थे।
