झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा 2024 में भूमिज भाषा को जनजातीय भाषा के रूप में शामिल नही किया गया है जिसके विरोध में आज भारतीय जनता युवा मोर्चा जमशेदपुर महानगर के जिला मंत्री गणेश सरदार ने प्रेस वार्ता कर कड़ी निंदा किया है। प्रेस वार्ता में श्री सरदार ने कहा कि भूमिज भाषा को जेटेट परीक्षा में शामिल नही कर झामुमो- कांग्रेस गठबंधन सरकार की भूमिज विरोधी मानसिकता को दर्शाता है और इसके लिए हमारे भूमिज समाज के एकमात्र विधायक श्री संजीव सरदार जिम्मेदार है। विधायक संजीव सरदार की उदासीनता व लापरवाही के कारण भूमिज समाज के अस्तित्व को समाप्त करने हेतु साजिश कर भूमिज भाषा को जेटेट परीक्षा से हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने रघुवर दास की सरकार में भूमिज भाषा को द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्रदान कर जेएसएससी व जेपीएससी के द्वारा आयोजित होने वाली सभी प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल किया था परंतु झामुमो की सरकार में भूमिज भाषा को जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा की सूची से हटा दिया गया जिससे भूमिज व अन्य आदिवासी समुदाय के छात्रों को बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए सीधा जिम्मेदार विधायक संजीव सरदार है। भूमिज समाज के लगातार आंदोलन कर माँग करने के बावजूद झारखंड सरकार ने कोई ध्यान नही दिया इसका मतलब स्पष्ट है कि विधायक संजीव सरदार जी का झामुमो की सरकार में कोई अहमियत नही है।अपने को आदिवासियों का हितैषी बताने वाली झामुमो का असली चेहरा बेनकाब हो गया है। इसका जवाब आनेवाली विधानसभा चुनाव में भूमिज समाज के लोग झामुमो और विधायक संजीव सरदार को जरूर देगी। श्री सरदार ने कहा कि भाजपा की सरकार बनेगी तो भूमिज भाषा को क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा के रूप में पुनः सूचीबद्ध कर प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल किया जाएगा। इस प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से भाजयुमो के घाघीडीह मंडल महामंत्री गोविंदा पति,राजू सिंह सरदार,शिशु टुडू,चन्द्र मोहन सरदार,सोमाय हांसदा आदि शामिल रहे।
