जमशेदपुर : आज ही के दिन यानी 18 मई वो काली रात जब जमशेदपुर के बागबेड़ा थाना अंतर्गत नागाड़ीह में बच्चा चोरी की अफवाह में एक बुजुर्ग महिला समेत तीन युवकों को भीड़ ने लाठी-डंडे पत्थर से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया. आज भी परिवार न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है पर अब तक उन्हें न्याय नहीं मिला.
आज से छह साल पहले बच्चा चोर के अफवाह में बागबेड़ा के गौतम वर्मा, विकास वर्मा, उनकी दादी रामसखी देवी और गौतम/विकास के दोस्त गंगेश गुप्ता की भीड़ ने पीट पीटकर हत्या कर दी थी..दुखद यह था कि पुलिस की मौजूदगी में हुआ लेकिन पुलिस भीड़ के सामने बेबस रही और बल प्रयोग नहीं किया. यहां तक कि समय पर फोर्स नहीं बुलाया गया. बच्चा चोर के अफवाह के बाद हुई माॅब लिंचिंग कांड का कुछ लोगों ने घटनास्थल पर वीडियो बनाया था. वीडियो की सीडी एक महत्वपूर्ण साक्ष्य है जिसकी फाॅरेन्सिक जांच के लिए भेजा गया लेकिन वीडियो की एफ एस एल रिपोर्ट अब तक नहीं आ पाई है. कोर्ट की तरफ से नोटिस देने के दो साल बीत जाने के बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं आई. पुलिस का कहना है कि इस मामले में पुलिस के द्वारा तमाम गवाहियां कराई गईं हैं और पुलिस एफ एस एल जांच रिपोर्ट के इंतजार में है जो लैब से सीलबंद के तौर पर आएगा.
माॅब लिंचिंग को धर्म के चश्मे से देखने वाली राजनीति के बीच गुप्ता और वर्मा परिवार आज भी न्याय के इंतजार में है. घटना के चश्मदीद और मृतक के भाई उत्तम वर्मा हर साल इस घटना की बरसी पर घर पर ही श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन करते हैं. अत्याचार के खिलाफ इस संघर्ष में वे ही अब परिवार का सहारा हैं. उत्तम और उनके परिवार का कहना है कि 2019 के सरायकेला में हुए तबरेज कांड ने खूब सुर्खियां बटोरी, मुआवज़े भी मिले, नेताओं ने सुधि भी ली मगर नागाडीह कांड के पीड़ितों को झारखंड के नेताओं ने भुला दिया. एक ही परिवार के तीन सदस्यों और करीबी परिवार के बेटे को खोकर ये दोनों परिवारों ने मानो सब कुछ खो दिया.