जमशेदपुर: हाता-टाटा मुख्य सड़क से महज चार किलोमीटर दूर स्थित एक आदिवासी गांव बिंगबुरू अपनी दयनीय स्थिति के कारण समुचित विकास से वंचित है. इस आदिवासी गांव की समस्या को लेकर पूर्व जिलापार्षद करूणामय मंडल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल सांसद विद्युत वरण महतो से मिलने पहुंचे.
ज्ञात रहे पोटका प्रखंड के चाँदपुर पंचायत स्थित गाँव-बिंगबुरु से हाता-टाटा मुख्य सड़क में भुंड़ीडीह तक की दूरी मात्र चार किलोमीटर है जो विकास की मुख्य धारा से जोड़ने की मुख्य श्रोत है. आज स्वतंत्रता के इतनी वर्ष बाद भी उक्त रास्ते की स्थिति नहीं सुधरने के कारण उक्त आदिवासी बहुल बिंगबुरु गाँव सर्वांगीण विकास से वंचित है. उक्त रास्ते के बीच से एक रेल मार्ग भी गुजरती है जहां ओवरव्रिज की भी जरूरत है. उक्त रास्ते की स्थिति वर्तमान में अत्यंत दयनीय है जबकि उक्त रास्ते के बन जाने से ना सिर्फ बिंगबुरु गांव अपितु राजाबासा, हतनाबेड़ा, चाँदपुर आदि निकटस्थ अनेकों गाँव बिल्कुल ही कम दूरी तय कर जमशेदपुर जाने वाली मुख्य सड़क से जुड़ जायेंगे. यानि कि सर्वांगीण विकास की मुख्य धारा से जुड़ जायेंगे.
ग्राम प्रधान कृष्णा बास्के के अनुरोध पर पूर्व जिलापार्षद करुणामय मंडल के नेतृत्व में आज एक प्रतिनिधिमंडल सांसद विद्युत वरण माहतो से मिलकर उक्त रास्ते के निर्माण हेतु ग्रामीणों के हस्ताक्षरयुक्त एक लिखित आवेदन दिया गया तथा विषय की विस्तृत जानकारी देते हुये गांव की जीवन रेखा स्वरूप उक्त रास्ते को जनहित में त्वरित निर्माण की अनुरोध की गई.
विषय की गंभीरता को देखते हुये सांसद श्री माहतो द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुये दूरभाष पर पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता से सम्बंधित रास्ते के बारे में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कार्रवाई की चर्चा किए साथ ही आवेदन पर प्राथमिकता के आधार पर समुचित कार्रवाई की अनुशंसा कर ग्रामीण विकास विभाग कार्यालय जमशेदपुर भेजा गया. सांसद द्वारा समस्या के समाधान पर त्वरित पहल से प्रतिनिधिमंडल काफी खुशी जाहिर की तथा आभार प्रकट किया. प्रतिनिधिमंडल में पूर्व पार्षद श्री मंडल के साथ बिंगबुरु ग्राम प्रधान कृष्णा बास्के, शिव चरण टुडू एवं रॉबिन हांसदा भी मौजूद थे.



