जमशेदपुर के कदमा निवासी चिन्मया महतो जिन्होंने अपने घर को ही रेडिओ का संग्राहलय बना दिया है, जिन्होंने 1957 से रेडियो के शौकीन रहें है, और आज भी इनके घर पर 1957 से लेकर अब तक का सभी रेडिओ इनके यंहा मिल जाएगा, ज़ब रेडिओ रखने पर लाइसेंस लेने पड़ता था, तब से चिन्मया महतो रेडिओ रखे हुए है, 1980 के दशक मे इनके यंहा रेडिओ सुनने के लिए सैकड़ो की संख्या मे लोग इक्क्ठा हुआ करते थे, आज विश्व रेडिओ दिवस है, इन्होने 1057 से लेकर आज तक के जमाने का रेडिओ अपने आवास मे रखे है, उन्होंने बताया कि जबसे प्रधानमंत्री का मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत हुई तब से एक बार फिर लोगों मे रेडिओ का क्रेज बढ़ा है, उन्होंने बताया कि अब ग्रामीण इलाकों मे भी रेडिओ का क्रेज देखा जा रहा है, सरकारी योजनाओ का प्रसारण रेडिओ पर आने लगा है तब से एक बार फिर रेडिओ का क्रेज बढ़ गया है, आप को बता दें कि 1957 से लेकर अब तक चिन्मया महतो को देश के साथ साथ विदेशों मे भी रेडिओ के कारण इन्हे सम्मानित किया जा चूका है, चिन्मया महतो को उनके पिता बर्मा से एक रेडिओ ला कर ज़ब उनका पांच शाल के थे तब उन्हें दिया था, उस समय से ही चिन्मया महतो को रेडिओ का शौक हुआ और आज तक उनका शौक बरकरार है, आज के दिन 1057 से लेकर आज तक चिन्मया महतो के पास 655 रेडिओ मौजूद है, सभी रेडिओ को उन्होंने अपने घर के एक ही रूम मे रखा है, जिसे माने तो रेडिओ का एक मिनी रेडिओ संग्राहालय बना दिया है।



