कोर्ट फीस में वृद्धि को लेकर अधिवक्ताओं का आंदोलन जारी, आज भी रहेंगे न्यायिक कार्यों से दूर

जमशेदपुर: झारखंड में अचानक कोर्ट फीस बढ़ा दी गई. यह गरीबों पर बहुत बड़ा बोझ है. इससे वकीलों से ज्यादा आम जनता प्रभावित होगी जिनके लिए न्याय पाना अब मुश्किल हो जाएगा. इन्हीं मुद्दों के साथ अधिवक्ता प्रोटेक्शन बिल तथा अधिवक्ताओं को आर्थिक सुरक्षा देने जैसे तमाम मुद्दों के लिए झारखंड बार काउंसिल के आह्वान पर हाईकोर्ट सहित जिला न्यायालय में 6 जनवरी 7 जनवरी को दो दिवसीय हड़ताल की घोषणा की गई थी, मगर 7 जनवरी को मुख्यमंत्री और कुछ अधिवक्ताओं के बीच एक संवाद  कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें मुख्यमंत्री ने कोर्ट फी बढ़ाने के मुद्दे पर विचार करने का आश्वासन दिया था तथा अधिवक्ताओं के हित में भी कई घोषणाएं की गई थी. जिसकी जानकारी मीडिया के माध्यम से झारखंड के तमाम अधिवक्ताओं को मिली.

इसपर झारखंड स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन राजेंद्र कृष्णा ने 8 जनवरी को बार काउंसिल के प्रांगण में पूरे राज्य के जिला संगठन के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक आहूत की थी जिसमें निर्णय लिया गया का कि मुख्यमंत्री ने अधिवक्ता संवाद में जो भी घोषणाएं की है उसे सरकार के स्तर पर झारखंड स्टेट बार काउंसिल को सूचित करें तथा सरकार किस समय-सीमा के अंदर क्या-क्या करेगी उसकी लिखित जानकारी दी जाए, इसके लिए सरकार को 2 दिन का समय दिया गया और 9 व 10 जनवरी को हड़ताल की अवधि 2 दिन के लिए बढ़ा दी गई. मंगलवार को फिर एक ऑनलाइन बैठक आयोजित करके आगे के कार्यक्रमों पर फैसला लेगी. 

मैंने भी व्यक्तिगत स्तर पर मुख्यमंत्री जी को ट्वीट के माध्यम से आग्रह किया है कि उनके स्तर पर लिए गए फैसले की जानकारी लिखित रूप में काउंसिल को अविलंब दिया जाए ताकि इस गतिरोध को समाप्त किया जा सके.
-सिद्धार्थ शंकर दुबे, अधिवक्ता व्यवहार न्यायालय जमशेदपुर उच्च न्यायालय झारखंड

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