आज से चैत्र नवरात्र शुरू, नवरात्र में क्या करें क्या न करें, ये रही पूरी जानकारी

Chaitra Navratra 2023 : नवरात्रि का त्योहार काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दौरान घरों में एक अलग तरह की राैनक रहती है.
साल में चार तरह के नवरात्रि चैत्र नवरात्रि, माघ गुप्त नवरात्रि, आषाढ़ गुप्त नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि मनाए जाते हैं. शारदीय नवरात्रि जहां आमतौर पर सितंबर और अक्टूबर में तो चैत्र नवरात्रि मार्च व अप्रैल में मनाए जाते हैं. इस बार चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रहे हैं. देवी दुर्गा को समर्पित इस उत्सव में भक्त उनका आशीर्वाद पाने के लिए विशेष प्रयास करते हैं। इस दाैरान कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। मान्यता है कि मां दुर्गा भक्तों से प्रसन्न होती है और उनको आशीर्वाद देते हुए उनकी हर मनोकामना पूरी करती हैं।

क्या करें

दुर्गा सप्तशती पढें : नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती के श्लोकों का पाठ करने से मां प्रसन्न होती हैं।

मां की आरती करें : पूरे नौ दिनों तक विधिपूर्वक पूजन करें। सुबह और संध्या मां की आरती करें।

लाल रंग के फूल व वस्त्र भेंट करें : मां दुर्गा को लाल रंग बेहद प्रिय है उनकी पसंद के फूल व वस्त्र उन्हें समर्पित करें।

ब्रह्मचर्य का पालन : नवरात्रि के दिनों में व्रत रखने वाले भक्त ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करें।

महिलाओं का करें सम्मान : मां दुर्गा की दिव्य कृपा प्राप्त करने के लिए हमेशा महिलाओं का सम्मान करें।

क्या न करें
लड़ाई-झगड़ा न करें : नाै दिनों के दौरान किसी भी तरह की कलह या लड़ाई-झगड़ा न करें।
तंबाकू न खाएं : नवरात्रि के दाैरान सिगरेट, तंबाकू-गुटखा आदि से परहेज करें।
मदिरापान से बचें : नवरात्रि के दौरान मांस-मदिरा, लहसुन-प्‍याज का प्रयोग न करें।
बाल न कटवाएं : नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान बाल कटवाने और शेविंग करने से बचें।
गलत न करें : नवरात्रि में किसी के विषय में गलत न सोचें व किसी का बुरा न करें।

चैत्र नवरात्रि 2023 कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि का शुभ मुहूर्त : 22 मार्च 2023 दिन बुधवार से सुबह 6 बजकर 30 मिनट से शुरू है और उसी दिन सुबह 7 बजकर 32 तक है. इस शुभ मुहूर्त में घट स्थापना यानी कलश स्थापना करना चाहिए. 

चैत्र नवरात्रि की नौ देवियां और तिथियां

  • चैत्र नवरात्रि प्रथम दिन 22 मार्च 2023 - प्रतिपदा तिथि, मां शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना
  • चैत्र नवरात्रि दूसरा दिन 23 मार्च 2023 - द्वितीया तिथि, मां ब्रह्मचारिणी पूजा
  • चैत्र नवरात्रि तीसरा दिन 24 मार्च 2023 - तृतीया तिथि, मां चंद्रघण्टा पूजा
  • चैत्र नवरात्रि चौथा दिन 25 मार्च 2023 - चतुर्थी तिथि, मां कुष्माण्डा पूजा
  • चैत्र नवरात्रि पांचवां दिन 26 मार्च 2023 - पंचमी तिथि, मां स्कंदमाता पूजा
  • चैत्र नवरात्रि छठा दिन 27 मार्च 2023 - षष्ठी तिथि, मां कात्यायनी पूजा
  • चैत्र नवरात्रि सातवां दिन 28 मार्च 2023 - सप्तमी तिथि, मां कालरात्री पूजा
  • चैत्र नवरात्रि आठवां दिन 29 मार्च 2023 - अष्टमी तिथि, मां महागौरी पूजा, महाष्टमी
  • चैत्र नवरात्रि नवां दिन 30 मार्च 2023 - नवमी तिथि, मां सिद्धीदात्री पूजा, दुर्गा महानवमी, राम नवमी

चैत्र नवरात्रि 2023 कलश स्थापना विधि

  • चैत्र नवरात्रि मां देवी को पूरी तरह से समर्पित होते हैं. नवरात्रि के पहले ही दिन घटस्थापना यानी कलश स्थापना की जाती है. यह दिन बेहद खास होता है.
  • कलश स्थापना शुरू करने से पहले सूर्य के उदय होने से पहले उठे और मां धरती का आशीर्वाद लेते हुए, नहाकर साफ कपड़ा पहने.
  • जिस जगह पर कलश को स्थापित करना है उस स्थान को साफ कर लें.
  • लाल रंग का कपड़ा बिछाकर मां देवी की प्रतिमा स्थापित करें.
  • कपड़े पर थोड़े चावल रख ले. एक छोटी सी मिट्टी के पात्र में जौ रख दें.
  • उस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें.
  • कलश पर स्वास्तिक बना लें और उसमें अक्षत, सिक्का, साबुत सुपारी डालकर पान के पत्ते रखें. एक नारियल ले उस पर चुनरी से लपेट लें उसे कलश से बांधे.
  • कलश के ऊपर उस नारियल को रख लें. इसके बाद दीपक, सिंदूर, अक्षत, दही, फूल, फल आदि का आह्वान करते हुए कलश की पूजा करें.
  • इस दिन मां देवी की पूजा तांबा की कलश से करें.

खबरें और भी हैं...

Whatsapp