जमशेदपुर : आज दिनांक 31 जनवरी 2023 मंगलवार को जमशेदपुर के युवा रंगकर्मियों द्वारा संगठित गीता (Gita Theater) नाट्य संस्था के कलाकारों द्वारा टाटा स्टील के ट्यूब डिवीजन में सड़क सुरक्षा माह अंतर्गत जागरूकता अभियान के तहत " जिंदगी नहीं है सस्ती" नामक नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया.
जिसमें एक के बाद एक चार दृश्यों को दर्शाया गया पहले दृश्य में पति-पत्नी के अनबन को दिखाया गया जिसमें पत्नी अपने पति से बाज़ार जाने को कहती हैं तो पति कंपनी जाने को देर हो रही कहकर मना कर देता है. पत्नी द्वारा नाश्ता और टीफिन देने पर पत्नी को खाने को कहकर मना कर देता है हेलमेट भी नहीं लेता और जल्दबाजी में घर से निकल जाता है और कंपनी के अंदर जल्दबाजी में ही घुस जाता है जिस कारण कंपनी के गार्ड से बहस हो जाती है.
दूसरे दृश्य में यह दिखाया गया कि बड़ी गाड़ी वाले कैसे गाड़ी में ओवरलोड कर लेते हैं और शराब पीकर गाड़ी चलाने लगते हैं. सड़क पर एक सब्जी वाली सब्जी बेच रही होती है और वह गाड़ी ड्राइवर उस सब्जी वाली दुकान में जाकर गाड़ी घुसा देता है. सड़क पर मारपीट शुरू कर देता है और सड़क पर गाड़ियों की लंबी कतार लग जाती है तब नटी आकर दोनों को समझाती है कि इस तरह भी सड़क पर सड़क को अखाड़ा नहीं बनाए और नशे की हालत में गाड़ी ना चलाएं और सब्जी वाले को भी समझाती है कि अपनी दुकान को कोई सुरक्षित जगह पर लगाए ना कि सड़क पर.
तीसरे दृश्य में यह दिखाया गया एक लड़का एक लड़की घूमने जा रहे हैं. लड़की लड़के को हेलमेट गिफ्ट करती है. लड़का कहता है यह क्या गिफ्ट दे रही हो हेलमेट की जगह कुछ और गिफ्ट दे देती. लड़की कहती है मैंने टीवी में देखा है कि बिना हेलमेट के गाड़ी चलाने से बहुत सारी दुर्घटनाएं होती है इसलिए मैं तुम्हें हेलमेट गिफ्ट कर रही हूं, तो लड़का कहता यह हेलमेट तुुम पहन लो इसके बाद दोनों घूमने चले जाते हैं और सड़क पर हेलमेट चेकिंग होते देख गाड़ी को जल्दी से पीछे घुमा के भागने के क्रम में उनका एक्सीडेंट हो जाता है जिसमें लड़के को काफी चोट आती है फिर नटी आकर यह बताती है कि कभी भी हेलमेट पुलिस के डर से नहीं अपनी सुरक्षा के लिए पहने क्योंकि बिना हेलमेट के अगर एक्सीडेंट होता है तो इससे आपकी जान भी जा सकती है लेकिन अगर आप हेलमेट पहने होते हैं और एक्सीडेंट होता है तो आपके हाथ में पैर में चोट आती है लेकिन आपका सर बिल्कुल सही सलामत होता है.
चौथे दृश्य में यह दिखाया गया कि खुशी का माहौल है जिसमें लड़की को लड़के वाले देखने आते हैं और बहन अपने भाई से जल्दी घर आने को जिद करती है और उसका भाई कंपनी से निकल ही रहा होता है तभी कंपनी में लोको आ रही है की आवाज आती है तो वह जल्दी निकलने की वजह से बैरियर के नीचे से पार होने लगता है तभी बैरियर से सर टकरा जाती है और वही उसकी मृत्यु हो जाती है और यह खबर सुनकर उसके घर वाले रोने लगते हैं और राम नाम सत्य की आवाज आने लगती है. तभी नटी आकर बताती है कि एक गलती की वजह से अगर किसी की जान जाती है तो सिर्फ वह नहीं मरता उसके साथ-साथ उसके परिवार की भी खुशी की मृत्यु हो जाती है और बताती है कि सड़क पर कभी भी मस्ती ना करें क्योंकि जिंदगी नहीं होती है सस्ती उसके बाद एक-एक कर सारे कलाकार एक एक स्लोगन देते हैं और गाना गाकर नाटक का समापन करते हैं. नाटक में नट के किरदार में प्रेम दीक्षित नटी के किरदार में गीता कुमारी सब्जी वाली की भूमिका में श्यामली डे, लड़की की भूमिका में सोनम साह ,लड़का की भूमिका में दिलीप पात्रो, खलासी की भूमिका में समीर नंदन कुमार, ट्रक ड्राइवर की भूमिका में किशोर पंडित ने अभिनय किया.