रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतांत्रिक मूल्यों का, लोकतंत्र की पद्धति का और संवैधानिक संस्थानों का अपहरण कर लिया है। जिस दिन कोर्ट का फैसला आया और राहुल गांधी की संसद की सदस्यता गई वह दिन लोकतंत्र के लिए काला दिन था। उक्त बातें पूर्व विधायक और कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कही है। मीडिया से बात करते हुए सुखदेव भगत ने कहा कि राहुल गांधी संघर्ष सत्य और अहिंसा के प्रतीक हैं। उन्होंने देश हित में दो-चार प्रश्न किए थे, जो देश की सुरक्षा और देश की इकोनॉमी से जुड़े हुए हैं। उन्होंने अडानी और मोदी जी के संबंधों के बारे में पूछा, जो शेल कंपनियां हैं उनके बारे में लगातार पूछा। कुल मिलाकर प्रधानमंत्री मोदी डरे हुए हैं और उन्हें सत्ता जाने का डर सता रहा है।
राहुल गांधी का पूरा प्रकरण स्क्रिप्टेड है। कर्नाटक में राहुल गांधी द्वारा दिए गए भाषण को जिस तरीके से भाजपा प्रस्तुत कर रही है वैसा नहीं है। राहुल गांधी ने बस यह पूछा है कि पैसा लेकर नीरव मोदी, ललित मोदी और मेहुल चौकसी भागे। मोदी जी की कैबिनेट या नड्डा जी यह बताएं कि हजारों करोड़ रुपए लेकर नीरव मोदी और ललित मोदी भाग गए। उससे ओबीसी समाज क्या गौरवान्वित महसूस कर रहा है। क्या भारतीय जनता पार्टी गौरवान्वित महसूस कर रही है? देश के हजारों करोड़ों रुपए लेकर जो लोग भाग गए उससे क्या देश और क्या ओबीसी समाज गौरवान्वित महसूस करेगा? राहुल गांधी से बंगला खाली कराने को लेकर भाजपा केंद्र सरकार में इतना उतावलापन क्यों है? राहुल गांधी एक शहीद के बेटे हैं, पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे हैं, कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। पूरे घटनाक्रम से साबित होता है कि प्रधानमंत्री और भाजपा राहुल गांधी से डरे हुए हैं।



