जमशेदपुर: एक्सएलआरआइ के पीजीडीएम (जीएम ) की ओर से ऑपरेशन एंड सप्लाई चेन कॉन्क्लेव क्लॉकस्पीड 3.0 का आयोजन किया गया। जिसमें देश व दुनिया की कई प्रसिद्ध कंपनियों के एमडी व उनके प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. एक्सएलआरआइ के प्रोफेसर आलोक राज ने सभी आगंतुकों का अभिवादन करते हुए कहा कि आज के दौर में पठन-पाठन में इंडस्ट्री व एकेडमिया के बीच सामंजस्य की आवश्यकता है. ताकि विद्यार्थी कल जब किसी कंपनी के कर्मचारी बनते हैं या उसका प्रतिनिधित्व करते हैं तो उन्हें हर बिंदु की अच्छी जानकारी हो. इसी उद्देश्य से एक्सएलआरआइ की ओर से ऑपरेशन एंड सप्लाई चेन कॉन्क्लेव क्लॉकस्पीड 3.0 का आयोजन किया जा रहा है. मौके पर मुख्य वक्ता के रूप में यूएसए के टेस्ला पावर सीईओ एपीएसी सुभाष आर्य उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि आज के दौर में वर्ल्ड फंक्शनिंग में सप्लाई चेन मैनेजमेंट अति आवश्यक है. उन्होंने कहा कि हमें विश्व स्तर पर सोचना चाहिए, लेकिन विश्व स्तर पर व्यापार करते समय हमेशा लोकल कंडीशन को भी उतना ही महत्व देना चाहिए. सप्लाई चेन मैनेजमेंट में कार्य को धरातल पर उतारने की स्पीड काफी अहम भूमिका निभाती है. सप्लाई चेन मैनेजमेंट में सब कुछ परस्पर आपस में जुड़ा हुआ है. उन्होंने डिमांड कैप्चरिंग समेत कई अन्य महत्वपूर्ण मामलों में टेक्नोलॉजी की आवश्यकताओं पर बल दिया.
इसके बाद "सप्लाई चेन एनालिटिक्स: शेपिंग द फ्यूचर ऑफ लॉजिस्टिक्स एंड सप्लाई चेन मैनेजमेंट" विषय पर एक पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया. जिसमें चैनालिटिक्स के एमडी मिलिंद कानेतकर, मैनकाइंड फार्मा लिमिटेड के प्रेसिडेंट ऑपरेशंस अभय श्रीवास्तव, डीएचएल सप्लाई चेन इंडिया प्रा लिमिटेड के ऑपरेशंस डायरेक्टर इस्ट सौमोव
कुंडू, इमामी एग्रोटेक लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट व सप्लाई चेन के प्रमुख पुष्कर मुखर्जी, सेलियस लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक व सीओओ रजनीश रमन, व एक्सएलआरआइ पीजीडीएम (जीएम) की संजना वार्ष्णेय ने हिस्सा लिया. मौके पर मिलिंद कानेतकर ने अपने भाषण में गूगल मोबिलिटी पर महत्व दिया. कहा कि इससे ग्राहकों की जरूरत को एनालिटिक्स द्वारा निर्धारित किया जा सकता है और कंपनी को इसे क्रियान्वित करने और लागू करने पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने डेटा साइंस के महत्वों से भी अवगत कराया. मैनकाइंड फार्मा लिमिटेड के प्रेसिडेंट ऑपरेशंस अभय श्रीवास्तव ने आपूर्ति श्रृंखला में चुनौतियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने 35 साल पहले बोर्ड की मीटिंग में जोखिम व पर्यावरण
वन लाइनर था. लेकिन कुछ वर्षों के बाद, इसका प्रबंधन कंपनी की व्यावसायिक आवश्यकता बन गया. कोविड के बाद डैशबोर्ड पर रिस्क आ गया है. इसके बाद सौमोव कुंडू ने आपूर्ति श्रृंखला संचालन के लिए डेटा एनालिटिक्स के बारे में उल्लेख करते हुए कहा कि "डेटा एनालिटिक्स के अनुप्रयोग में दो भाग होते हैं: मशीन साइड और मानव पक्ष. वहीं, पुष्कर मुखर्जी ने कहा कि एनालिटिक्स को कंपनी की समग्र रणनीति में एकीकृत किया जाना चाहिए, न कि केवल आपूर्ति श्रृंखला में, और स्वामित्व नीचे से ऊपर की ओर प्रवाहित होनी चाहिए. कहा कि हर फर्म सक्रिय रूप से डेटा-संचालित एनालिटिक्स की ओर बढ़ रही है.