14 या 15 जनवरी कब मनाया जाएगा मकर संक्रांति और क्या है इसके महत्व, जानिए विस्तार से 

जमशेदपुर: शहर में साल के पहले सबसे बड़े त्योहार मकर संक्रांति के लिए तैयारियां तेज हो गयी हैं. बाजार मकर संक्रांति त्योहार के लिए इस्तेमाल में आनेवाली चीजों खासकर तिल के बने खाद्य पदार्थों से सज गया है. लोग खरीदारी भी कर रहे हैं ताकि त्योहार की तिथि पर बढ़ी कौमतों से बचा जा सके. जमशेदपुर लघु भारत है, लिहाजा यहां लोहड़ी से लेकर मकर संक्रांति का हर रूप मनाया जाता है और स्थानीय त्योहार टुसू परब की धूम रहती है. शहर में मकर संक्रांति पर तिल के लड़ड़ रेवडियां, गजक, मूढ़ी के लाई आदि बनाने की परंपरा बहुत समय से चली आ रही है.

डेट को लेकर कन्फ्यूजन

लेकिन मकर संक्रांति की डेट को लेकर इस साल 2023 लोगों के बीच असमंजस की स्थिति है. कुछ जानकारों के अनुसार मकर संक्रांति की तिथि 14 तो कुछ के अनुसार 15 जनवरी बताई जा रही है. आमतौर पर हर साल मकर संत्रांति का त्योहार 14 जनवरी के दिन पड़ती है. लेकिन कुछ ऐसे साल भी आते हैं, जब मकर संक्रांति कौ तिथि को लेकर लोग कंफ्यूज हो जाते हैं. इस साल 2023 में भी मकर संक्रांति की तिथि को लेकर लोगों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है. मकर संक्रांति के लिए कुछ 4 तो कुछ 5 जनवरी कौ तिथि बता रहे हैं. लेकिन जानते हैं हमारे हिंदू धर्म शास्त्रों में मकर संक्रांति की तिथि को लेकर क्या नियम बताए गए हैं. 

मकर संक्रॉति 14 या 15 जनवरी को
भारतीय ज्योतिष के अनुसार मकर संतक्रान्ति के दिन सूर्य के एक राशि से दूसरे राशि में (धनु से मकर) परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की ओर हुआ परिवर्तन माना जाता है. क्योंकि मकर संक्रान्ति के समय सूर्य बढ़ने लगता है. इससे दिन बड़े होने लगते हैं और रातें छोटी होने लगती है. मकर संक्रांति यानि प्रकाश की अंधकार पर विजय. मानव का जीवन भी प्रकाश और अंधकार से घिरा हुआ है. उसके जीवन का वस्त्र काले और सफेद तन्तुओं से घिरा हुआ है. मानव जीवन में व्याप्त अज्ञान, संदेह, अंधश्रद्धा को सम्यक श्रद्धा से, जड़ता को चेतना से और कुसंस्कारों को संस्कार सर्जन द्वारा दूर हटाया है. यही उसके जीवन की सच्ची संक्रांति कहलाती है. 

तिथि व शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार इस बार मकर संक्राति 5 जनवरी 2022 को है. क्योंकि सूर्यदेव का मकर राशि में प्रवेश 4 जनवरी की रात 08. 43 मिनट पर होगा इसलिए उदयातिथि (जिस तिथि में सूर्याेदय हो ) के अनुसार अगले दिन 15 जनवरी 2023 को मकर संक्राति मनाई जाएगी. लेकिन जो लोग उदया तिथि के मुताबिक नहीं चलते, वे 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति मनाएंगे.

स्नान का विशेष महत्व

भविष्य पुराण के अनुसार इस दिन प्रयाग और गंगासगर में स्नान का विशेष महत्व है. जब सूर्य देव दक्षिणायन की ओर जाते हैं, अर्थात अशुभ. दक्षिण दिशा को यम का वास या यम का द्वार माना जाता है.नरक के द्वार पहुंचते ही यमदूत मृत आत्मा को लेने आते हैं. उत्तर दिशा स्वर्ग का द्वार माना जाता है, जहां मृत आत्मा को लेने देवदूत आते हैं. वर्ष को दो भागों में बांटा गया है, उत्तरायण और दक्षिणायन. मकर संक्रांति के दिन सूर्य पृथ्वी की परिक्रमा को पूरा करता है और उत्तर की ओर अग्रसर हो जाता है. इसलिए इस दिन से सूर्य उत्तर दिशा की ओर गतिमान हो जाता है. दक्षिणायन दिशा को दानव, दुष्ट और दुराचारियों की दिशा कहा जाता है जबकि उत्तरायण दिशा को देवताओं की दिशा माना जाता है.इसी दिशा में स्वर्ग लोक है.

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