जमशेदपुर: झारखण्ड सरकार द्वारा प्रदेश में लगाये गये मंडी शुल्क के विरोध में पूरे प्रदेश में फेडरेशन आॅफ चैम्बर ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्री एवं सिंहभूम चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन का असर साफ तौर पर बाजारों में दिखने लगा. आज सिंहभूम चैम्बर ऑफ काॅमर्स के तत्वावधान में शहर के विभिन्न बाजारों के खुदरा व्यापारियों ने स्वतः बैठक कर इस आंदोलन से जुड़ने की घोषणा की थी.
कमोबेस पूरे प्रदेश में सोमवार से खाद्यान्न के सारे खुदरा व्यापारी इस आंदोलन से जुड़ने का मन बना चुके थे. इस आंदोलन की व्यापकता एवं इससे होने वाले दुष्प्रभावों को समझते हुये झारखण्ड सरकार के कृषि मंत्री माननीय बादल पत्रलेख एवं मुख्यमंत्री के सचिव विनय चैबे, भाप्रसे ने आज मुख्यमंत्री आवास में व्यापारिक संगठनों से वार्ता की एवं कहा कि सरकार व्यापारिक हितों का ध्यान रखेगी. सरकार के प्रतिनिधियों ने व्यापारियों से आंदोलन को स्थगित करने की मांग की. इस आश्वासन के मद्देनजर फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्री ने फिलहाल इस आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा की. चूंकि यह आंदोलन प्रदेश स्तर पर चल रहा था इसलिये फेडरेशन के सुर में सुर मिलाते हुये सिंहभूम चैम्बर ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्री ने भी व्यापार मंडल के साथ बैठक कर इस आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा की. यह जानकारी अध्यक्ष विजय आनंद मूनका, मानद महासचिव मानव केडिया, उपाध्यक्ष व्यापार एवं वाणिज्य नितेश धूत एवं सचिव व्यापार एवं वाणिज्य अनिल मोदी ने संयुक्त रूप से दी.
चैम्बर अध्यक्ष ने कहा कि सरकार के तरफ से दिया गया यह आश्वासन व्यापारी एकता की बड़ी जीत है. सिंहभूम चैम्बर के नेतृत्व में खाद्यान्न व्यापारियों ने जिस एकता से इस आंदोलन को जारी रखा वह काबिले तारीफ है और व्यापारियों की यह एकता व्यापारी हित में आगे भी कायम रहेगी. सिंहभूम चैम्बर हमेशा व्यापारिक हितों के प्रति जवाबदेह रहेगा और अपने दायित्व को समझते हुये उनका प्रतिनिधित्व कर सरकार और व्यापारियों के बीच सेतु का काम करता रहेगा.
उपाध्यक्ष, व्यापार एवं वाणिज्य नितेश धूत ने कहा कि खाद्यान्न व्यापारियों ने चैम्बर के नेतृत्व पर अपना भरोसा जताया और चैम्बर ने उनके भरोसे पर खरा उतरते हुये इस आंदोलन को धार दी जिसमें सभी व्यापारियेां का समर्थन मिला इसके लिये धन्यवाद के पात्र हैं.
सचिव, व्यापार एवं वाणिज्य अनिल मोदी ने कहा कि व्यापारी एकता की जीत है. व्यापारियों ने जिस संगठित तरीके से आंदोलन को संचालित किया एवं लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करते हुये अपनी बातों को सरकार तक पहुंचाया यह खाद्यान्न व्यापारियों जीवटता एवं एकजुटता का प्रतीक है. उन्होंने सभी खाद्यान्न व्यापारियों को बधाई दी कि इस आंदोलन के कारण ही व्यापारियों का अस्तित्व बच पाया है.
बैठक में चैम्बर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका, मानद महासचिव मानव केडिया, उपाध्यक्ष नितेश धूत, महेश सोंथालिया, मुकेश मित्तल, सचिव अनिल मोदी, भरत मकानी, कोषाध्यक्ष किशोर गोलछा, पवन नरेडी, करण ओझा, आशीष शर्मा, भीमसेन शर्मा, विजय अग्रवाल, रौनक सचदेवा, अजय कांवटिया, विद्याशंकर गुप्ता, सत्यनारायण अग्रवाल, राजकुमार साह, मनोज गोयल, अनूप शर्मा, मनोज अगीवाल, संदीप, रामू देबुका, महेश सरायवाला, बंशीधर अग्रवाल, प्रदीप कुमार अग्रवाल, विमल चैधरी, चन्द्रप्रकाश शुक्ला, अमित कुमार, बंटी अग्रवाल, सुशील कुमार अग्रवाल, बिनोद अग्रवाल, बालमुकुंद अग्रवाल, दिलीप तुल्स्यान, महेश गोयल, विकास नरेडी, केशव अग्रवाल, संतोष केसरी, मिट्ठु केसरी, पंकज, कुलदीप सिंह, अनूप जवनपुरिया, ललित कुमार केवलका, राहूल मित्तल, गोविन्द अग्रवाल, महेश अग्रवाल के अलावा काफी संख्या में खाद्यान्न आलू-प्याज एवं फल व्यापारी उपस्थित थे.



